universe theory in hindi | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति - पूरी जानकारी

universe theory in hindi | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर हमारी Website Be RoBoCo में, आज एक बार हम फिर हाजिर हैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर जिसे हम universe theory in hindi | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, के नाम से जानते हैं।

दोस्तो क्या आपने भी Origin of universe in hindi, brahmand in hindi, universe in hindi, और ब्रह्मांड की उत्पत्ति pdf आदि के बारे में Search किया है और आपको निराशा हाथ लगी है ऐसे में आप बहुत सही जगह आ गए है, आइये ब्रह्माण्ड की रचना किसने की, और ब्रह्मांड के 20 रहस्य ​आदि के बारे में बुनियादी बाते जानते है।

ब्रह्मांड सिद्धांत, ब्रह्मांड के बारे में सोचने का एक तरीका है जो इस विचार पर आधारित है कि हम जो दुनिया देखते हैं उससे परे भी कुछ है। ऐसे में अनेक भूगोलशास्त्री हुए जिन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे अपने अपने विचार रखें।

यदि अभी तक आप ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में प्रचलित प्रमुख सिद्धांतों के बारे में नहीं जानते हैं और हमारे इस लेख पर आ गए हैं तो हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हमारे इस लेख के माध्यम से आपको universe theory in hindi से संबंधित पूरी जानकारी मिलेगी तो लेख के अंत तक बने रहे हैं, चलिए शुरू करते हैं।

Table of Contents

universe theory in hindi | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति

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दोस्तों ब्रह्मांड की खोज कैसे हुई? कब हुई? यह बात आज भी अपने आप में एक जटिल समस्या बनी हुई है। हमारे कुछ भूगोलवेत्ता ने अपनी-2 खोज के अनुसार अनेकों सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। उन्हीं में से आज मैं कुछ प्रमुख सिद्धांतों को आपके समक्ष रख रहा हूं, जिनकी सूची कुछ इस प्रकार से है।

  1. Geo centric theory
  2. helio centric theory
  3. theory of expansion of universe
  4. Steady state theory of universe
  5. Big Bang theory
  6. Caplers law of motion

1. Geo centric theory (भू-केंद्रित सिद्धांत)

Given by – ptolmy (टॉलमी)

इस सिद्धांत में टॉलमी ने बताया कि पृथ्वी केंद्र पर है और सूर्य इसके चारों ओर चक्कर लगा रहा है। यह सिद्धांत बाद में गलत हो गया। टॉलमी की book 📚 का नाम the geography है।

2. helio centric theory (सूर्य केंद्रित सिद्धांत)

Given by – nicolus Copernicus (निकोलस कॉपरनिकस)

इस theory में निकोलस कॉपरनिकस ने निम्न बातो को बताया है।

  1. पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रही है।
  2. कुछ दूसरे object भी हैं जो सूर्य के चक्कर लगा रहे हैं, जिसप्रकार पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगा रही है, लेकिन सारे object सूर्य के चारों ओर चक्कर ही नहीं लगा रहे हैं।
  3. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर वृत्ताकार मार्ग में चक्कर लगा रही है।

कॉपरनिकस की इस theory को intial theory of solar system भी कहते है।

3. theory of expansion of universe

Given by – edwin hubble

edwin hubble ने अपना एक telescope बनाया था जिसका नाम उन्होंने hubble telescope 🔭 रखा था इस telescope के माध्यम से उन्होंने observe किया कि तारों का झुंड (group of stars) या आकाशगंगा एक दूसरे से दूर जा रहे हैं।

यदि सभी आकाशगंगा एक दूसरे से दूर जा रहे हैं तो उनके बीच density कम होनी चाहिए। इस बात की व्याख्या यह सिद्धांत नहीं कर सका।

4. Steady state theory of universe (साम्यावस्था का सिद्धांत)

Given by – Harbon bondy

इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड का घनत्व परिवर्तित नहीं होता है क्योंकि दूर जाने वाली आकाशगंगा के बीच में नई आकाशगंगा का जन्म हो रहा है।

5. Big Bang theory (महाविस्फोट सिद्धांत)

Given by – George lemantrae

यह सिद्धांत अभी तक का सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त सिद्धांत है इस सिद्धांत को स्टीफन हॉकिंस, न्यूटन और आइंस्टीन जैसे लोगों की भी मान्यता प्राप्त है।

इसी सिद्धांत के तहत 30 मार्च 2010 में CERN (centre for neculear research) ने जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 50 से 175 मीटर नीचे, 27.6 किलोमीटर लंबी सुरंग में LHC (लॉर्ड हैड्रन कोलाइजर) नामक महाप्रयोग सफलतापूर्वक किया जिसमें हिग्स बोसोन (God particle) की खोज हुई।

इस theory के अनुसार अगर माना जाए तो universe का निर्माण एक बिंदु से हुआ है। इस बिंदु को विलक्षणता का बिंदु (point of singularity) कहते है।

इस point पर density बहुत ज्यादा हो गई होगी i.e super dance और फ़िर किसी time विस्फोट हुआ होगा और 1 सेकेंड से भी कम समय में वर्तमान ब्रह्मांड का निर्माण हो गया।

6. Keplers law of motion (planetary motion)

केपलर ने ग्रहों की गति से संबंधित तीन नियम दिए।

1. Law of orbit (कक्षा का नियम)

प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर की दीर्घवृत्ताकार मार्ग में चक्कर लगाता है और सूर्य मार्ग के एक फोकस पर स्थित होता है।

2. Law of Area (क्षेत्रफल का नियम)

इसके दो भाग हैं।

a) एक निश्चित समय में किसी भी ग्रह द्वारा तय की गई दूरी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है।

b) एक निश्चित समय में किसी भी ग्रह द्वारा तय किया गया क्षेत्रफल अलग-अलग जगहों पर समान होता है। यानी कि क्षेत्रफल चाल नियत होती है।

Note:- केपलर का एकसमान क्षेत्रीय चाल का नियम कोणीय संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है।

3. Law of periods (अवधियों का नियम)

किसी भी planet द्वारा सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगे समय का वर्ग, उस मार्ग की त्रिज्या के घन के अनुक्रमानुपाती होता है।

Means – T^2 = K × R^3 जहां K एक constant है।

सवाल और उनके जवाब

1. केप्लर के तीसरे नियम को ______के रूप में जाना जाता है?

  1. कक्षाओं के नियम
  2. क्षेत्रफलों के नियम
  3. गुरूत्वाकर्षन के नियम
  4. अवधियों के नियम

Ans. 4. अवधियों का नियम

2. “केप्लर का नियम “क्षेत्रीय वेग स्थिरांक है” ____के संरक्षण के नियम के बराबर है।”

  1. द्रव्यमान
  2. ऊर्जा
  3. रैखिय संवेग
  4. कोणीय संवेग

Ans . 4. कोणीय संवेग

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आपने क्या सीखा

उपरोक्त लेख universe theory in hindi | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, के माध्यम से मैंने आपको Origin of universe in hindi, brahmand in hindi, universe in hindi, और ब्रह्मांड की उत्पत्ति pdf, ब्रह्माण्ड की रचना किसने की, और ब्रह्मांड के 20 रहस्य आदि के बारे में बताया है।

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Gaurav Sahu
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