महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay


महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichayनमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर हमारी Website Be RoBoCo मेंआज एक बार हम फिर हाजिर हैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर जिसे हम महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichayके नाम से जानते हैं।


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महादेवी वर्मा के बारे में आज कौन नहीं जानता हैआप हिंदी साहित्य जगत की सबसे ज्यादा लोकप्रिय और प्रतिभा की धनी कवयित्रियों में से एक थीं। बहुत कम लोग ऐसे होते है जो स्थान और समय की सीमाओं को तोड़ कर लोगो के दिलो में अपना स्थान बना लेते है और जीते जी किवदंती बन जाते है। आप उन्हीं व्यक्तित्व में से एक थी। 


अगर आप गूगल में महादेवी वर्मा के जीवन परिचय को खोजते हुए हमारे इस लेख में आ गए हैं तो हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से महादेवी वर्मा जी से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार में मिलेगी तो लेख के अंत तक बने रहेंचलिए शुरू करते हैं।

 

Table of Contents

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay


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Mahadevi Verma Ka Janm

 

हिंदी की महान कवियत्री महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 में जिला फर्रुखाबाद के एक संभ्रांत कायस्थ परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती हेमरानी देवी था। इनकी माता धर्म परायणनिष्ठावान और सात्विक महिला थी और पिता उदार व कर्मठ दार्शनिक व्यक्ति थेजोकि पेशे से एक शिक्षक थे।

 

महादेवी वर्मा जी का साहित्य जगत में एक अलग ही स्थान था। उन्हें 'आधुनिक युग की मीराके नाम से भी जाना जाता है।

 

Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay

 

महादेवी वर्मा जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को मिशन स्कूल इंदौर से पूरा किया और बाद में यह महात्मा गांधी जी के संपर्क में आई जहां से इनके अंदर समाज सेवा करने की भावना जागृत हुई। इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय से अपने एम. ए को पूरा किया। महादेवी वर्मा जी के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों और घटनाओं को आप अग्रलिखित टेबल को पढ़कर बड़ी आसानी से जान सकते हैं।

 

Full Name

महादेवी वर्मा

Birthday

26 मार्च 1907

Birth Place

फर्रुख़ाबादउत्तर प्रदेश

Father Name

श्री गोविन्द प्रसाद वर्मा

Mother Name

श्रीमती हेमरानी देवी

Husband Name

डॉ० स्वरूप नारायण वर्मा

Education 

एम.ए.(संस्कृत)

Other Name 

आधुनिक युग की मीराविशाल मंदिर की सरस्वती

Compositions

स्मृति की रचनाएंदीपशिखामेरा परिवार इत्यादि

Death

11 सितम्बर 1987

Death Place

इलाहबादउत्तरप्रदेश

 

Mahadevi Verma Ka Sahityik Parichay

 

महादेवी वर्मा का विवाह मात्र 9 साल की उम्र में ही हो गया था और छोटी उम्र में ही इनकी माता जी का भी देहावसान हो गया लेकिन बचपन से ही यह बहुत ही कुशाग्र बुद्धि की थी जिसकी वजह से यह हर एक कक्षा में प्रथम आई। इनको शुरुआती समय में साहित्य रचना की प्रेरणा अपने नाना जी से मिली जोकि ब्रज भाषा में कविताओं की रचना किया करते थे।

 

महादेवी वर्मा की कविताएँ और रचनाओ में एक अलग प्रकार की ओज होती है जिसको समझ लेने मात्र से व्यक्ति के अंदर का अंधकार दूर हो जाता है। महादेवी वर्मा जी की काव्य  रचनाओं में समाज सुधार व महिलाओं की दशा को सुधारने का महत्वपूर्ण संदेश प्राप्त होता है।

 

मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही इन्होंने काव्य – रचना में तेज़ी से भाग लेना प्रारम्भ कर दिया। करुणा एवं भावुकता उनके व्यक्तित्व के अभिन्न अंग थे। आपके काव्य में बिरहा भावना की इतनी पीडा है कि आपको "आधुनिक युग की मीरा" के नाम से भी संबोधित किया जाता है। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने उन्हें हिंदी के 'विशाल मंदिर की सरस्वतीकी उपमा दिया है।

 

महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य जगत का एक चमकता सितारा थीं और अपनी एक प्रसिद्ध रचना "दीपशिखा" के माध्यम से  उन्होंने अपने मन की व्यथा को भी बहुत ही सहजता से सजाया है। भारतीय हिंदी साहित्यआपने अतुलनीय योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।

 

उनके इतने सारे प्रशंसनीय कार्यों के लिए उन्हें अनेकों पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया हैजिनमे भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म भूषणपद्म विभूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार आदि शामिल है।

 

Mahadevi Verma Ki Rachnaye?

 

महादेवी वर्मा जी की प्रमुख रचनाओं में गद्य साहित्य और कविता संग्रह दोनों आते हैं। इनकी कुछ प्रमुख रचनाओं का वर्णन इस प्रकार है।

 

कविता संग्रह -

 

नीहाररश्मिनीरजासांध्यगीतदीपशिखासप्तपर्णाप्रथम आयाम और अग्निरेखा थे। हर एक कविता संग्रह की अपनी एक अलग ही व्याख्या है और इसमें अलग-अलग प्रकार के गीतों का संकलन हुआ है उदाहरण स्वरूप नीहार मेंभाव गीत का संग्रह है जिसमें वेदना का स्वर सामने आया है और रश्मि कविता संग्रह में आत्मा परमात्मा के संबंधों पर आधारित गीत हैं जबकि नीरजा में प्रकृति की महिमा का गुणगान है।

 

गद्य साहित्य –

 

अतीत के चलचित्रस्मृति की रेखाएंपथ के साथीमेरा परिवारयामासंभाषणशृंखला की कड़ियाँगिल्लूनीलकंठ आदि।

 

Mahadevi Verma Biography In Hindi

 

दोस्तों हमने ऊपर आपको महादेवी वर्मा जी के जीवन से जुड़ी सभी जानकारियां दी हैं और उन्हीं जानकारियों का एक छोटा रूप इस प्रकार से है जिसे हम महादेवी वर्मा बायोग्राफी के नाम से जानते हैं। इसके अंदर निम्न बातों का समावेश होता है।

 

  • जन्म 
  • शिक्षा
  • वैवाहिक जीवन
  • साहित्य में स्थान
  • उपलब्धिसम्मान और पुरस्कार
  • मृत्यू

 

महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ था। इनके पिता पेशे से एक शिक्षक थे। छोटी उम्र में ही इनकी शादी हो गई जिसकी वजह से शिक्षा में कुछ रुकावट आई लेकिन फिर उन्होंने कुछ समय बाद अपनी शिक्षा को पुनः प्रारंभ किया और प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इनकी रचनाएँ सर्वप्रथम ‘चाँदनामक पत्रिका में प्रकाशित हुई।

 

महादेवी वर्मा बहुत ही कुशाग्र बुद्धि की थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से M.A. पूरा करने के बाद यह महात्मा गांधी जी के संपर्क में आई और समाज सेवा में लग गई। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्य जीवन की शुरुआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ के प्रधानाचार्या बनी रहीं। वह भारत की 50 सबसे सशक्त महिलाओं में से एक थीं

 

इनकी काव्यात्मक प्रतिभा के लिए इन्हें अनेकों राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सम्मान जैसे कि पद्मभूषणज्ञानपीठ पुरस्कार सेकसरियामंगलाप्रसाद और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भारत - भारती पुरस्कार प्रदान किए गए।

 

आपने क्या सीखा

 

उपरोक्त लेख महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay के माध्यम से मैंने आपको Mahadevi Verma Ka Janm, Mahadevi Verma Ka Sahityik Parichay, Mahadevi Verma Ki Rachnaye और Mahadevi Verma Ki Jivani, Mahadevi Verma Project In Hindi,  Mahadevi Verma Biography In Hindi, Mahadevi Verma Jeevan Parichay और Mahadevi Verma Ki Kritiyan आदि के बारे में बताया है।

 

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लेख के अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।

Gaurav Sahu
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